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जय हो मेरी अम्बे मैया

जय हो मेरी अम्बे मैया तेरी आरती उतारू | Jai Ho Meri Ambe Maiya

जय हो अम्बे मैया तेरी आरती उतारू माँ – सम्पूर्ण जानकारी, महत्व और पाठ विधि

“जय हो मेरी अम्बे मैया” आरती उनके प्रति श्रद्धा और भक्ति का एक अत्यंत लोकप्रिय भजन है। यह आरती विशेष रूप से नवरात्रि, दुर्गा अष्टमी, चौकी, जागरण और देवी पूजन के समय गाई जाती है। भारत की धार्मिक और आध्यात्मिक परंपराओं में देवी पूजन का विशेष महत्व है। माँ दुर्गा, जिनका एक स्वरूप अम्बे मैया कहलाता है, को शक्ति, करुणा, रक्षा और कल्याण की देवी माना जाता है।

जय हो मेरी अम्बे मैया
जय हो मेरी अम्बे मैया

पूर्ण आरती के लिए:

जय हो मेरी अंबे मैया आरती उतारू मा
रोग हरो मा, कष्ट हरो मा
दुख से हमें बचाओ मां, विजय करो मां

आरती उतारू मोरि मैया आरती मैं उतारू
जय हो मेरी अंबे मैया

एक भरोसा तेरो मैया दूजो नही सहारो है
लागो मैया मोरि सहइया आरती उतारू
जय हो मेरी अंबे मैया

अतुलित तेज बदन पर सोहे मैया तीन लोक उजियारों है
भक्तन की भण्डार भरइया आरती उतारू
जय हो मेरी अंबे मैया 

मां एक भरोसा तेरो मैया दूजा नहीं सहारा मां
भक्तो के कल्याण करेरा आरती उतारो मा
जय हो अंबे मैया

जो जन माँ की करे आरती,कष्ट कभी ना पाता माँ,
दूध पूत भंडार भरइया,आरती उतारू माँ,
जय हो अम्बे मैया, तेरी आरती उतारू माँ,
आरती उतारू माँ,
जय हो अम्बे मैया,
तेरी आरती उतारू माँ
जय हो अंबे मैया

आरती से जुड़ी विशेष जानकारी:

  • यह आरती विशेष रूप से नवरात्रि, दुर्गा अष्टमी, और अन्य देवी पूजन के अवसरों पर गाई जाती है।
  • “जय हो मेरी अम्बे मैया” आरती भक्तों की आस्था को दृढ़ करती है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा लाती है।
  • आरती करते समय कपूर, दीपक, अगरबत्ती और पुष्प अर्पित करने का विशेष महत्व होता है।

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आरती का महत्व

“जय हो मेरी अम्बे मैया” आरती न केवल एक भक्ति गीत है, बल्कि यह आत्मा की शक्ति और दिव्यता को अनुभव करने का एक माध्यम भी है। इस आरती को गाने से मानसिक शांति, आत्मबल और आत्मविश्वास की प्राप्ति होती है। विशेषकर नवरात्रि में इस आरती का पाठ करने से माँ दुर्गा की कृपा शीघ्र प्राप्त होती है।


पाठ विधि

  1. पूजा स्थान की सफाई करें और माँ दुर्गा की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
  2. दीपक, अगरबत्ती और पुष्प अर्पित करें।
  3. शुद्ध घी या तेल का दीपक जलाएं।
  4. भक्तिभाव से आरती का पाठ करें।
  5. आरती के बाद प्रसाद वितरण करें।

लाभ

  • जीवन में आने वाली बाधाओं से मुक्ति।
  • रोग, भय, शत्रु और दोषों का नाश।
  • पारिवारिक सुख-शांति और समृद्धि की प्राप्ति।
  • आत्मबल, इच्छाशक्ति और मानसिक शांति की प्राप्ति।

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FAQs – जय हो मेरी अम्बे मैया आरती से जुड़े अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. जय हो मेरी अम्बे मैया आरती कब और कैसे करें?

उत्तर: “जय हो मेरी अम्बे मैया आरती” का पाठ नवरात्रि, दुर्गा अष्टमी, नवमी या किसी भी देवी पूजन के अवसर पर किया जा सकता है। सुबह और शाम के समय, माँ दुर्गा के चित्र या मूर्ति के सामने दीपक जलाकर इस आरती का पाठ करना अत्यंत शुभ माना जाता है। श्रद्धा और भक्ति से आरती करने से माँ की कृपा शीघ्र प्राप्त होती है।


2. क्या अम्बे मैया आरती घर पर करना शुभ होता है?

उत्तर: हाँ, “जय हो मेरी अम्बे मैया आरती” घर पर करना न केवल शुभ होता है, बल्कि यह घर में सकारात्मक ऊर्जा और सुख-शांति भी लाता है। प्रतिदिन या विशेष रूप से नवरात्रि में आरती करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है और नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है।


3. अम्बे मैया की आरती करने के लिए किन सामग्री की आवश्यकता होती है?

उत्तर: देवी दुर्गा की आरती के लिए दीपक (घी या तेल का), कपूर, अगरबत्ती, फूल, और प्रसाद की आवश्यकता होती है। आरती करते समय माँ दुर्गा के मंत्र या भजन जैसे “जय हो मेरी अम्बे मैया आरती” का उच्चारण किया जाता है। यह पूजा सामग्री घर में भी आसानी से उपलब्ध होती है।


4. जय हो मेरी अम्बे मैया आरती किस भाषा में उपलब्ध है?

उत्तर: यह आरती हिंदी, संस्कृत और कई स्थानीय भाषाओं में उपलब्ध है। हिंदी भाषा में “जय हो मेरी अम्बे मैया” आरती सबसे अधिक प्रचलित है और अधिकांश भक्त इसी भाषा में इसका पाठ करते हैं। आप चाहें तो ऑनलाइन पीडीएफ या विडियो फॉर्मेट में भी इसे सुन और सीख सकते हैं।


5. क्या बिना पंडित के अम्बे मैया की आरती की जा सकती है?

उत्तर: हाँ, माँ दुर्गा की आरती करने के लिए पंडित जी की आवश्यकता नहीं होती। कोई भी श्रद्धालु भक्त, स्वच्छ मन और श्रद्धा से माँ दुर्गा की आरती कर सकता है। यदि आप विधिपूर्वक पूजा कराना चाहते हैं तो आप PanditJi On Way जैसी विश्वसनीय सेवा का सहारा ले सकते हैं।


6. क्या “जय हो मेरी अम्बे मैया आरती” को रोज गाने से लाभ होता है?

उत्तर: बिल्कुल। रोजाना सुबह और शाम को “जय हो मेरी अम्बे मैया आरती” गाने से घर का वातावरण पवित्र होता है, मन को शांति मिलती है और माँ की कृपा हमेशा बनी रहती है। नियमित आरती से मानसिक बल, आत्मविश्वास और सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है।


7. क्या अम्बे मैया की आरती का कोई विशेष मंत्र होता है?

उत्तर: “जय हो मेरी अम्बे मैया” आरती स्वयं एक मंत्रात्मक स्तुति है, जिसे भक्तिपूर्वक गाया जाता है। इसके अलावा “या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता” जैसे मंत्रों का जाप आरती के साथ किया जा सकता है।


8. माँ दुर्गा की आरती कैसे सीखें और याद करें?

उत्तर: आप “जय हो मेरी अम्बे मैया” आरती को YouTube, धार्मिक वेबसाइट्स या मोबाइल ऐप्स से सीख सकते हैं। Drik Panchang और Vedicfeed जैसी वेबसाइटों पर आरती का शब्दार्थ और ऑडियो संस्करण भी उपलब्ध है, जिससे आप आरती को आसानी से याद कर सकते हैं।


निष्कर्ष

“जय हो मेरी अम्बे मैया” आरती केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि माँ दुर्गा के प्रति समर्पण, श्रद्धा और आस्था का प्रतीक है। यह आरती जीवन में ऊर्जा, सकारात्मकता और सुरक्षा की अनुभूति कराती है। यदि आप अपने जीवन में माँ दुर्गा की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं, तो नियमित रूप से इस आरती का पाठ करें।

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