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Jai Ambe Gauri Aarti with Lyrics : जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी, तुमको …

दुर्गा जी की आरती: ॐ जय अम्बे गौरी – सम्पूर्ण जानकारी

इस लेख में हम प्रस्तुत कर रहे हैं दुर्गा माता की सबसे प्रसिद्ध आरती ॐ जय अम्बे गौरी, इसके महत्व, विधि, लाभ और इससे जुड़े अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न।दुर्गा माता, जिन्हें अम्बे, श्यामा, गौरी, या जगदम्बा के नाम से जाना जाता है, हिन्दू धर्म में शक्ति की अधिष्ठात्री देवी मानी जाती हैं। उनकी आराधना विशेष रूप से नवरात्रि के नौ दिनों में होती है।


दुर्गा जी की आरती: ॐ जय अम्बे गौरी,मैया जय श्यामा गौरी


जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी ।

तुमको निशदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवरी ॥

ॐ जय अम्बे गौरी..॥

मांग सिंदूर विराजत, टीको मृगमद को ।

उज्ज्वल से दोउ नैना, चंद्रवदन नीको ॥

ॐ जय अम्बे गौरी..॥

कनक समान कलेवर, रक्ताम्बर राजै ।

रक्तपुष्प गल माला, कंठन पर साजै ॥

ॐ जय अम्बे गौरी..॥

केहरि वाहन राजत, खड्ग खप्पर धारी ।

सुर-नर-मुनिजन सेवत, तिनके दुखहारी ॥

ॐ जय अम्बे गौरी..॥

कानन कुण्डल शोभित, नासाग्रे मोती ।

कोटिक चंद्र दिवाकर, सम राजत ज्योती ॥

ॐ जय अम्बे गौरी..॥

शुंभ-निशुंभ बिदारे, महिषासुर घाती ।

धूम्र विलोचन नैना, निशदिन मदमाती ॥

ॐ जय अम्बे गौरी..॥

चण्ड-मुण्ड संहारे, शोणित बीज हरे ।

मधु-कैटभ दोउ मारे, सुर भयहीन करे ॥

ॐ जय अम्बे गौरी..॥

ब्रह्माणी, रूद्राणी, तुम कमला रानी ।

आगम निगम बखानी, तुम शिव पटरानी ॥

ॐ जय अम्बे गौरी..॥

चौंसठ योगिनी मंगल गावत, नृत्य करत भैरों ।

बाजत ताल मृदंगा, अरू बाजत डमरू ॥

ॐ जय अम्बे गौरी..॥

तुम ही जग की माता, तुम ही हो भरता,

भक्तन की दुख हरता । सुख संपति करता ॥

ॐ जय अम्बे गौरी..॥

भुजा चार अति शोभित, खडग खप्पर धारी ।

मनवांछित फल पावत, सेवत नर नारी ॥

ॐ जय अम्बे गौरी..॥

कंचन थाल विराजत, अगर कपूर बाती ।

श्रीमालकेतु में राजत, कोटि रतन ज्योती ॥

ॐ जय अम्बे गौरी..॥

श्री अंबेजी की आरति, जो कोइ नर गावे ।

कहत शिवानंद स्वामी, सुख-संपति पावे ॥

ॐ जय अम्बे गौरी..॥

जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी ।


आरती का महत्व

“ॐ जय अम्बे गौरी” आरती दुर्गा जी की शक्ति, कृपा और करुणा का प्रतीक है। इसे गाने से न केवल मानसिक शांति मिलती है, बल्कि आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार भी होता है। यह आरती नकारात्मक ऊर्जा को दूर कर घर में सुख-शांति एवं समृद्धि लाती है।


दुर्गा जी की आरती कैसे करें?

दुर्गा जी की आरती करने के लिए कुछ मुख्य नियमों का पालन करें:

  1. शुद्धता: स्वयं को और पूजा स्थल को शुद्ध रखें।
  2. घी का दीपक: शुद्ध देशी घी का दीपक जलाएं।
  3. कुमकुम, फूल, अक्षत: देवी माँ को चढ़ाएं।
  4. आरती के समय: आरती का समय सुबह और संध्या होता है, विशेषकर नवरात्रि में।
  5. घंटी बजाएं: आरती के दौरान घंटी या थाली बजाना शुभ माना जाता है।

आरती से लाभ

  • मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा की प्राप्ति
  • घर में सुख-शांति एवं धन-धान्य की वृद्धि
  • रोग, शोक और कष्टों से मुक्ति
  • माँ दुर्गा की कृपा से सिद्धि और सफलता

दुर्गा जी से जुड़ी कुछ अन्य पौराणिक बातें

  • माँ दुर्गा को महिषासुर मर्दिनी भी कहा जाता है क्योंकि उन्होंने महिषासुर का वध किया था।
  • दुर्गा सप्तशती में उनके 700 श्लोकों से युक्त स्तुति संग्रहित है।
  • माँ के नौ रूप – शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी, सिद्धिदात्री – नवरात्रि में पूजे जाते हैं।

दुर्गा सप्तशती पाठ विधि – PanditJi On Way

दुर्गा सप्तशती पाठ विधि – PanditJi On Way
यह लिंक हमारी वेबसाइट का है जहाँ आप दुर्गा सप्तशती पाठ की सम्पूर्ण विधि और जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।


External Resource

1) Durga Aarti Lyrics – VedicFeed.com
यह एक प्रतिष्ठित वेबसाइट है जहाँ दुर्गा आरती के संस्कृत, हिंदी और अंग्रेज़ी में lyrics उपलब्ध हैं।


Frequently Asked Questions (FAQs) – दुर्गा जी की आरती: ॐ जय अम्बे गौरी

Q1. दुर्गा जी की आरती “ॐ जय अम्बे गौरी” कब करनी चाहिए?

उत्तर: दुर्गा जी की आरती सुबह सूर्योदय के बाद और शाम को सूर्यास्त के बाद करनी चाहिए। नवरात्रि, शुक्रवार और अष्टमी के दिन आरती करना विशेष रूप से शुभ माना जाता है।

Q2. क्या ॐ जय अम्बे गौरी आरती रोज़ाना गा सकते हैं?

उत्तर: हाँ, यह आरती रोज़ाना की जा सकती है। नियमित रूप से गाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा, सुख-शांति और माता की कृपा बनी रहती है।

Q3. आरती के समय कौन-कौन से पूजन सामग्री उपयोग करनी चाहिए?

उत्तर: आरती करते समय घी का दीपक, अगरबत्ती, फूल (विशेषकर लाल गुलाब और गुड़हल), कुमकुम, चावल और घंटी आवश्यक होते हैं।

Q4. ॐ जय अम्बे गौरी आरती करने से क्या लाभ होता है?

उत्तर: इस आरती के नियमित पाठ से मानसिक शांति, रोग और बाधाओं से मुक्ति, घर में धन और समृद्धि की प्राप्ति होती है। यह माँ दुर्गा की विशेष कृपा प्राप्त करने का सरल उपाय है।

Q5. क्या आरती मोबाइल या स्पीकर पर सुनने से भी उतना ही फल मिलता है?

उत्तर: यदि आप श्रद्धा भाव से आरती को सुनते हैं, तो उसका प्रभाव भी सकारात्मक होता है। लेकिन स्वयं आरती गाना या पूजा स्थल पर उपस्थित रहकर करना अधिक फलदायक माना जाता है।

Q6. ॐ जय अम्बे गौरी आरती के lyrics कहाँ मिल सकते हैं?

उत्तर: आप PanditJi On Way वेबसाइट पर आरती के शुद्ध हिंदी lyrics के साथ उसका अर्थ और महत्व भी पढ़ सकते हैं।

Q7. दुर्गा जी की आरती कौन-कौन से पर्वों पर विशेष रूप से की जाती है?

उत्तर: नवरात्रि, दुर्गा अष्टमी, विजयादशमी, व्रत एवं दुर्गा सप्तशती पाठ के दौरान यह आरती विशेष रूप से की जाती है।

Q8. क्या माता दुर्गा की आरती करने से वास्तु दोष भी दूर होते हैं?

उत्तर: हाँ, नियमित आरती से घर में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है और वास्तु दोष, नकारात्मकता, भय आदि से रक्षा होती है।

Q9. आरती के दौरान कौन-से मंत्र या नाम जाप करें?

उत्तर: आरती के साथ आप “ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे” मंत्र का जाप कर सकते हैं, जो अत्यंत शक्तिशाली माना जाता है।


निष्कर्ष

“ॐ जय अम्बे गौरी” आरती केवल भक्ति गीत नहीं है, यह माँ दुर्गा की कृपा को पाने का एक सशक्त माध्यम है। जो भक्त सच्चे मन से इस आरती का पाठ करते हैं, उनके जीवन में माँ स्वयं आकर दुःखों का नाश करती हैं। नवरात्रि के नौ दिन विशेष रूप से इस आरती का महत्व और भी बढ़ जाता है। आप भी नियमित रूप से इस आरती का गायन करें और माँ दुर्गा की अपार कृपा प्राप्त करें।


यदि आप दुर्गा पूजन, दुर्गा सप्तशती पाठ या नवरात्रि पूजा के लिए अनुभवी ब्राह्मण की आवश्यकता है, तो PanditJi On Way से संपर्क करें।

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