दीपावली पूजन 2025: पूर्ण सामग्री सूची, शुभ मुहूर्त, मंत्र, लाभ और सही विधि
Diwali Puja Samagri List:- दीपावली, जिसे लक्ष्मी पूजा, कुबेर पूजा और महानिशा पूजा के नाम से भी जाना जाता है, हर वर्ष कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को मनाई जाती है। यह पर्व न केवल धन और समृद्धि का प्रतीक है बल्कि आध्यात्मिक रूप से नकारात्मकता को दूर करने का दिन भी माना जाता है।
यदि आप दीपावली पूजन 2025 को विधि-विधान से करना चाहते हैं, तो यह लेख आपके लिए संपूर्ण मार्गदर्शिका है।
दीपावली पूजन सामग्री सूची 2025 (Deepawali Puja Samagri List)
क्रमांक | पूजन सामग्री का नाम | उपयोग / उद्देश्य |
---|---|---|
1 | लक्ष्मी जी, गणेश जी, और कुबेर जी की मूर्तियाँ | मुख्य पूजन देवता |
2 | लाल या पीला कपड़ा (आसन हेतु) | मूर्तियों को स्थापित करने के लिए |
3 | कलश (जल, सुपारी, सिक्के, आम पत्ते सहित) | पूजन आरंभ का प्रतीक |
4 | पंचामृत (दूध, दही, शहद, घी, गंगाजल) | अभिषेक के लिए |
5 | गंगाजल | शुद्धिकरण हेतु |
6 | पुष्प (कमल, गुलाब) | देवी लक्ष्मी की आराधना के लिए |
7 | अगरबत्ती और धूप | सुगंध और पवित्र वातावरण के लिए |
8 | दीपक (घी या तेल का) | दीपावली का मुख्य प्रतीक |
9 | सिंदूर, हल्दी, चावल (अक्षत), रोली | तिलक और पूजन में उपयोग |
10 | पान, सुपारी, लौंग, इलायची | पूजा और नैवेद्य में प्रयोग |
11 | मौली (कच्चा सूत) | कलश और हाथ में बाँधने हेतु |
12 | मिठाई, फल, सूखे मेवे | नैवेद्य के रूप में अर्पित |
13 | चांदी या तांबे का सिक्का | लक्ष्मी पूजन में शुभ |
14 | चावल या गेहूं के दाने | आह्वान और पूजन में |
15 | दीपावली थाली | पूजन सामग्री रखने के लिए |
16 | कुबेर पोटली सामग्री (नीचे दी गई है) | धन आकर्षण हेतु |
17 | हळ्दी-चावल मिश्रण | आचमन और पूजा हेतु |
18 | नारियल | मंगल का प्रतीक |
19 | घी और रूई की बाती | दीपक जलाने हेतु |
20 | घंटी | पूजन आरंभ और समाप्ति पर |
कुबेर पोटली हेतु निर्माण सामग्री (Kuber Potli Samagri)
क्रमांक | सामग्री | महत्व / उपयोग |
---|---|---|
1 | लाल या सुनहरा कपड़ा | पोटली बनाने के लिए |
2 | सिक्के (सोने/चांदी/तांबे के) | धन वृद्धि का प्रतीक |
3 | चावल के दाने | शुद्धता और समृद्धि |
4 | सुपारी | मंगल का प्रतीक |
5 | हल्दी की गांठ | सौभाग्य का प्रतीक |
6 | रुद्राक्ष | कुबेर कृपा हेतु |
7 | कुबेर यंत्र / श्री यंत्र | धन आकर्षण और स्थिरता |
8 | इलायची या लौंग | शुभता और सुगंध |
9 | धागा (लाल मौली) | पोटली बांधने के लिए |
कुबेर की पोटली दीपावली की पूजा में विशेष महत्व रखती है। इसे धन और समृद्धि का प्रतीक माना गया है। पोटली बनाने के लिए आपको चाहिए:
- लाल या सुनहरा रेशमी कपड़ा
- थोड़े से चावल, हल्दी, सुपारी, सिक्के, चांदी का टुकड़ा, और एक रुद्राक्ष
- इसमें कुबेर यंत्र या श्री यंत्र भी रखें
- पोटली बांधकर लक्ष्मी जी के चरणों में रखें और मंत्र पढ़ें:
“ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये नमः।”
🔗 अधिक जानकारी के लिए देखें PanditJiOnWay.com – कुबेर पूजा सेवा
दीपावली पूजन का मुहूर्त 2025 में
दीपावली 2025 की तिथि: 21 अक्टूबर 2025 (मंगलवार)
अमावस्या तिथि आरंभ: 20 अक्टूबर रात 10:12 बजे
अमावस्या तिथि समाप्त: 21 अक्टूबर रात 8:47 बजे
लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त:
👉 संध्याकालीन प्रदोष काल में, शाम 5:40 बजे से 7:38 बजे तक शुभ माना गया है।
इस समय में लक्ष्मी, गणेश और कुबेर जी का पूजन करने से धन की स्थिरता और व्यापार में वृद्धि होती है।
दीपावली पूजन मंत्र
दीपावली पूजन के दौरान निम्न मंत्रों का जाप करना अत्यंत शुभ होता है:
गणेश जी मंत्र
“ॐ गं गणपतये नमः।”
लक्ष्मी जी मंत्र
“ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्री सिद्ध लक्ष्म्यै नमः।”
कुबेर जी मंत्र
“ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये नमः।”
इन मंत्रों का 108 बार जाप दीपक के सामने करने से धनवृद्धि और परिवार में सुख-शांति आती है।
दीपावली पूजन करने से होने वाले लाभ
- धन और संपन्नता में वृद्धि होती है।
- व्यवसाय में स्थिरता और सफलता मिलती है।
- घर की नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।
- परिवार में सौहार्द और सुख बढ़ता है।
- कुबेर और लक्ष्मी जी की कृपा से ऋण मुक्ति होती है।
दीपावली पूजन के दौरान ध्यान रखी जाने वाली बातें
- पूजा स्थल को उत्तर-पूर्व दिशा में रखें।
- पूजन के समय नंगे पैर रहें।
- घर की मुख्य प्रवेश दिशा में दीप जलाएं।
- लक्ष्मी जी को कमल के फूल और चांदी के सिक्के अर्पित करें।
- पूजा के दौरान मोबाइल या टीवी बंद रखें।
- सात दीपक जलाना शुभ माना गया है – घर, तिजोरी, रसोई और मुख्य द्वार पर।
दीपावली पूजन के दौरान मूर्तियों को कैसे बैठाएं
- सबसे पहले लाल कपड़ा बिछाएं।
- बीच में लक्ष्मी जी, उनके दाईं ओर गणेश जी, और बाईं ओर कुबेर जी को स्थापित करें।
- मूर्तियों के सामने कलश, दीपक और धन की पोटली रखें।
- पूजा के बाद मूर्तियों को पूजा स्थल पर ही रखें, उन्हें हिलाएं नहीं।
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निष्कर्ष
दीपावली पूजन 2025 को सही विधि और शुभ मुहूर्त में करने से जीवन में समृद्धि, धन, और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। चाहे आप घर पर पूजा कर रहे हों या किसी पंडित की सहायता से, पूजन की शुद्धता और श्रद्धा सबसे महत्वपूर्ण है।
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FAQs – दीपावली पूजन 2025
Q1. दीपावली 2025 में लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त क्या है?
उत्तर: दीपावली 2025 में लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त 21 अक्टूबर 2025 (मंगलवार) को है। पूजा करने का सर्वोत्तम समय संध्याकालीन प्रदोष काल यानी शाम 5:40 बजे से 7:38 बजे तक रहेगा। इस अवधि में लक्ष्मी जी, गणेश जी और कुबेर जी की पूजा करने से धन और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
Q2. दीपावली पूजन में कौन-कौन सी सामग्री आवश्यक होती है?
उत्तर: दीपावली पूजन के लिए लक्ष्मी-गणेश जी की मूर्तियाँ, कलश, दीपक, पुष्प, गंगाजल, अगरबत्ती, पंचामृत, कुबेर पोटली सामग्री, और मिठाइयाँ आवश्यक होती हैं।
👉 पूरी सामग्री सूची देखें: दीपावली पूजन सामग्री लिस्ट 2025 – PanditJi On Way
Q3. कुबेर की पोटली क्या होती है और इसे क्यों बनाया जाता है?
उत्तर: कुबेर की पोटली धन और समृद्धि का प्रतीक है। दीपावली की रात इसे लाल या सुनहरे कपड़े में बनाकर लक्ष्मी जी के चरणों में रखा जाता है। इसमें सिक्के, हल्दी, रुद्राक्ष, और कुबेर यंत्र रखे जाते हैं। यह धन आकर्षण और आर्थिक स्थिरता लाती है।
Q4. दीपावली पूजन कैसे करें – घर पर या ऑफिस में?
उत्तर: दीपावली पूजन घर और ऑफिस दोनों जगह किया जा सकता है। पूजा स्थल को साफ रखें, मूर्तियों को पूर्व दिशा की ओर रखें, और सही मुहूर्त में पूजन करें। यदि आप सुनिश्चित विधि से पूजा करवाना चाहते हैं, तो अनुभवी पंडित से संपर्क करें –
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Q5. दीपावली पूजन के लाभ क्या हैं?
उत्तर: दीपावली पूजन से व्यक्ति को धन, सफलता, और परिवारिक सुख की प्राप्ति होती है। यह पूजा घर से नकारात्मक ऊर्जा को दूर करती है और सकारात्मकता बढ़ाती है। कुबेर और लक्ष्मी जी की कृपा से व्यापार में वृद्धि होती है और आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होती है।
Q6. दीपावली पूजन में किन देवी-देवताओं की पूजा करनी चाहिए?
उत्तर: मुख्य रूप से भगवान गणेश, देवी लक्ष्मी, और कुबेर देव की पूजा की जाती है। कुछ घरों में सरस्वती जी और हनुमान जी का पूजन भी किया जाता है, जिससे बुद्धि, बल और धन तीनों की कृपा प्राप्त होती है।
Q7. क्या दीपावली पूजा ऑनलाइन करवाई जा सकती है?
उत्तर: हां, अब आप ऑनलाइन वैदिक पंडित से घर बैठे दीपावली पूजन करवा सकते हैं।
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Q8. दीपावली पूजन में मूर्तियों को कैसे बैठाना चाहिए?
उत्तर: पूजा के दौरान लाल कपड़ा बिछाकर बीच में लक्ष्मी जी, दाईं ओर गणेश जी और बाईं ओर कुबेर जी को बैठाएं। मूर्तियों के सामने दीपक और कुबेर पोटली रखें और विधिवत पूजा करें।
Q9. क्या दीपावली पूजा में पंचामृत और कलश रखना आवश्यक है?
उत्तर: जी हां, कलश और पंचामृत पूजन का महत्वपूर्ण भाग हैं। कलश को जल, सुपारी, सिक्के, और आम पत्रों से भरें और पंचामृत से लक्ष्मी-गणेश जी का अभिषेक करें।
Q10. दीपावली पूजा के समय किन गलतियों से बचना चाहिए?
उत्तर:
- पूजा के दौरान गंदे कपड़े या चप्पल न पहनें।
- पूजा के समय मोबाइल या टीवी बंद रखें।
- मुहूर्त के बाहर पूजा न करें।
- दीपक पश्चिम या दक्षिण दिशा में न रखें।
- पूजा के बाद मूर्तियों को इधर-उधर न करें।
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