108 Names of Lord Hanuman: हनुमान जी के 108 नाम क्यों होते हैं? जानिए रहस्य, महत्व और अर्थ
पढ़ें: क्यों 108 नामों का जाप सबसे पवित्र माना गया है? 108 Names of Lord Hanuman?
जानें: हनुमान जी के 108 नामों के अर्थ, जाप का सही समय और लाभ!
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लेकिन 108 नाम ही क्यों? 109 या 50 क्यों नहीं?
108 संख्या का धार्मिक और वैज्ञानिक रहस्य:
108 एक विशेष और आध्यात्मिक रूप से शक्तिशाली संख्या मानी जाती है। इसका महत्व ज्योतिष, योग, वेद, और धर्मशास्त्रों में स्पष्ट रूप से बताया गया है:
- ज्योतिष में: 12 राशियाँ × 9 ग्रह = 108
- माला में: जाप माला में 108 मनके होते हैं
- खगोलशास्त्र में: सूर्य और पृथ्वी के बीच की दूरी सूर्य के व्यास का 108 गुना है
- उपवेदों की संख्या: 108 उपनिषद
इसलिए 108 नामों का जाप करने से शरीर, मन, आत्मा और ब्रह्मांड से जुड़ने की शक्ति मिलती है।
यह संख्या संपूर्णता (Completeness) और परम शक्ति का प्रतीक है।
हनुमान जी के 108 नाम व उनके अर्थ
यहाँ पर श्री हनुमान जी के 108 पवित्र नाम और उनके आध्यात्मिक अर्थ दिए गए हैं:
Name | Mantra | Meaning |
---|---|---|
आंजनेय | ॐ आन्ज्नेयाय नमः (om anjaneyaya namaha) | जो देवी अंजना के पुत्र है, उनको मेरा नमस्कार |
महावीर | ॐ महावीराय नमः (om mahaviraya namah) | जो अति बलशाली और पराक्रमी है, उनको मेरा नमस्कार |
हनुमान | ॐ हनुमते नमः (om hanumate namah) | जो फुले हुए गालो वाले है, उनको मेरा नमस्कार |
रामदूत | ॐ रामदूताय नमः (om ramdutay namah) | जो भगवान श्री राम के दूत है, उनको मेरा नमस्कार |
मारुतात्मज | ॐ मारुतात्मजाय नमः (om marutatmjaaye namah) | जो पवन देव के पुत्र है, उनको मेरा नमस्कार |
संजीवान्न्गाहर्ता | ॐ संजीवान्न्गाहर्ता नमः (om sanjeevanngaharta namah) | जो संजीवनी पर्वत को लेके आने वालें है, उनको मेरा नाम नमस्कार |
लक्ष्मणप्राणदाता | ॐ लक्ष्मणप्राणदात्रे नमः (om lakshmanpraandaatre namah) | जो लक्ष्मण जी के प्राणों की रक्षा करने वालें है, उनको मेरा नमस्कार |
सीतान्वेष्णपण्डित | ॐ सीतावेषणपण्डिताय नमः (om seetaveshanpanditaay namah) | जो माता सीता को ज्ञानपूर्वक खोजने वाले है, उनको मेरा नमस्कार |
सीताशोकनिवारक | ॐ सीताशोक्निवाराकाय नमः (om seetashoknivaarkaay namah) | जो सीता माता के दुःख दूर करने वाले है, उनको मेरा नमस्कार |
रामभक्त | ॐ रामभक्ताय नमः (om rambhaktaay namah) | जो भगवान श्री राम के परम भक्त है, उनको मेरा नमस्कार |
दश्ग्रीव्कुलान्तक | ॐ दश्ग्रीव्कुलान्तकाय नमः (om dashgreevkulantkaay namah) | जो रावण के कुल का अंत करने वाले है, उनको मेरा नमस्कार |
वज्र्काय | ॐ वज्रकायाय नमः (om vajrakayaay namah) | जिनका शरीर वज्र के सामान कठोर है, उनको मेरा नमस्कार |
महातपस | ॐ महाताप्स्वेयाय नमः (om mahatapasveyaay namah) | जो महान तपस्वीं है, उनको मेरा नमस्कार |
पञ्चवक्त्र | ॐ पंचवक्त्राय नमः (om panchavaktra namah) | जिनके पांच मुख है, जो पञ्चमुखी है, उनको मेरा नमस्कार |
चिरंजीवी | ॐ चिरंजीविने नमः (om chiranjeevine namah) | जो अजर-अमर है, जो चिरंजीवी है, उनको मेरा नमस्कार |
बल्सिद्धिकार | ॐ बल्सिद्धिकराय नमः (om balsiddhikaraay namah) | जो बल प्रदान करने वाले है, उनको मेरा नमस्कार |
शूर | ॐ शूराय नमः (om shuraay namah) | जो अत्यंत वीर है, उनको मेरा नमस्कार |
प्रभु | ॐ प्रभवे नमः (om prabhve namah) | जो सम्पूर्ण श्रृष्टि में पूजे जाते है, उनको मेरा नमस्कार |
सर्वरोगहर | ॐ सर्वरोगहराय नमः (om sarvrogharaay namah) | जो सभी रोगों का नाश करते है, उनको मेरा नमस्कार |
सर्वबन्धाविमोक्ता | ॐ सर्वबन्धविमोक्त्रे नमः (om sarvbandhvimoktre namah) | जो समस्त बन्धनों से मुक्त करते है, उनको मेरा नमस्कार |
सर्व्गहविनाशी | ॐ सर्व्गहविनाशिने नमः (om sarvgrehvinaashine namah) | जो सभी ग्रहदोषों को हरते है, उनको मेरा नमस्कार |
रामचुडामणिप्रद | ॐ रामचुडामणिप्रदायकाय नमः (om raamchudahmanipradaaykaay namah) | जो श्री राम को माता सीता की चूडामणि प्रदान करते है, उनको मेरा नमस्कार |
सुग्रीवसचिव | ॐ सुग्रीवसचिवाय नमः (om sugreevsachivaay namah) | जो महाराज सुग्रीव के सचीव है, जो महाराज सुग्रीव के मंत्री है, उनको मेरा नमस्कार |
विभीषणप्रियकर | ॐ विभीषणप्रियकराय नमः (om vibhishanpriyakraay namah) | जो विभीषण के प्रिय है, उनको मेरा नमस्कार |
अक्षहन्ता | ॐ अक्षहंत्रे नमः (om aksh-hantre namah) | जो रावण के पुत्र अक्षय का वद्ध करने वाले है, उनको मेरा नमस्कार |
लंकपुरविदाहक | ॐ लंकपुरविदाहकाय नमः (om lankpurvidaahak namah) | जो लंका को जला देने वाले है, उनको मेरा नमस्कार |
कालनेमीप्रमथन | ॐ कालनेमीप्रमथन नमः (om kaalnemipramthan namah) | जो कालनेमि राक्षस को नष्ट करने वाले है, उनको मेरा नमस्कार |
भीमसेनसहायकृत | ॐ भीमसेनसहायकृते नमः (om bheemsensahaaykrte namah) | जो महाभारत में भीम की सहायता करते है, उनको मेरा नमस्कार |
वानर | ॐ वानराय नमः (om vanaraaye namah) | जो वानर रुपी है, जो वानर रूप में प्रकट हुए है, उनको मेरा नमस्कार |
केसरीसूत | ॐ केसरीसुताय नमः (om kesrisutaay namah) | जो केसरी नंदन है, जो राजा केसरी के पुत्र है, उनको मेरा नमस्कार |
तत्त्वज्ञानप्रद | ॐ तत्वज्ञानप्रदाय नमः (om tatvgyannpradaay namah) | जो तत्वों का ज्ञान प्रदान करते है, उनको मेरा नमस्कार |
अशोकवानिकाछेत्ता | ॐ अशोकवानिकाछेत्रे नमः (om ashokvaanikachhetre namah) | जो अशोक वाटिका को उजाड़ने वाले है, उनको मेरा नमस्कार |
सर्व्मायाविभिणजन | ॐ सर्व्मायाविभिणजनाय नमः (om sarvmaayabhinnjanaay namah) | जो समस्त माया का विनाश करते है, उनको मेरा नमस्कार |
परर्शौर्यविनाशन | ॐ परर्शौर्यविनाश्नाय नमः (om parshauryavinaashan namah) | जो शत्रुओं के शौर्य का अंत करते है, उनको मेरा नमस्कार |
परमन्त्रनिराकर्ता | ॐ परमन्त्रनिराक्रतें नमः (om paramantrnirakrta namah) | जो शत्रुओं के मंत्रो को व्यर्थ/निष्फल करते है, उनको मेरा नमस्कार |
परयंत्रप्रभेदक | ॐ परयंत्रप्रभेदकाय नमः (om paryanprabhedkaay namah) | जो शत्रुओं की योजनाओं को असफल करते है, उनको मेरा नमस्कार |
कपीश्वर | ॐ कपीश्वराय नमः (om kapeeshvaraay namah) | जो वानरों के स्वामी है, उनको मेरा नमस्कार |
परविद्यापरिहार | ॐ पर्वविद्यापरिहाराय नमः (om parv-vidyaparihaaray namah) | जो शत्रुओ के ज्ञान को निष्फल करते है, उनको मेरा नमस्कार |
मनोजव | ॐ मनोजवाय नमः (om manojvaay namah) | जो वायु के सामान गति वाले है, उनको मेरा नमस्कार |
गंधमादनशेलसथय | ॐ गंध्मादनशेलस्थाय नमः (om gandhmaadanshelasthaay namah) | जो गंधमादन पर्वत पर निवास करते है, उनको मेरा नमस्कार |
भविष्यचतुरानन | ॐ भाविश्यचतुराननाय नमः (om bhavishyachaturanan namah) | जो भविष्य को जानने वाले है, उनको मेरा नमस्कार |
कुमारब्रह्मचारी | ॐ कुमारब्रह्मचारीणे नमः (om kumarbrahmacharine namah) | जो ब्रह्मचार्य धर्म का पालन करते है, उनको मेरा नमस्कार |
रत्नकुण्डलदीप्तिमान | ॐ रत्नकुण्डलदीप्तिमते नमः (om ratnkundaldeeptimate namah) | जो रत्नजड़ित कुण्डल पहनते है, उनको मेरा नमस्कार |
संचल द्वाल सन्नद्ध लांब मान शिखोज्ज्व्ल | ॐ चंचल द्वाल सन्नद्ध लांब मन शिक्खोज्ज्वाल्य नमः (om chachal dwaal sannadh laamb maan shikkhojjwal namah) | जिनकी पूछ उनके सर से भी लम्बी है, उनको मेरा नमस्कार |
गन्धर्व-विद्यातत्वग्य | ॐ गन्धर्व-विद्यातत्वग्याय नमः (om gandharv-vidyatatvgyaaynamah) | जो संगीत आदि कलाओं के ज्ञाता है, उनको मेरा नमस्कार |
महाबलपराक्रम | ॐ महाबलपराक्रमाय नमः (om mahabalpraakramaay namah) | जिनमे महान बल और सामर्थ्य है, उनको मेरा नमस्कार |
काराग्रहविमोक्ता | ॐ कराग्र्ह्विमोक्ता नमः (om karagrhvimokta namah) | जो कराग्रह/कारागार से मुक्त कराने वाले है, उनको मेरा नमस्कार |
श्रंखलाबन्धमोचक | ॐ श्रंखलाबंध्नोच्काय नमः (om sharankhlabandhhmochkaay namah) | जो बेड़िया तोड़ने वाले है या जो परेशानी तोड़ने वाले है, उनको मेरा नमस्कार |
सागरोत्तारक | ॐ सागरोत्तारकाय नमः (om saagarottarakaay namah) | जो समुन्द्र को पार करने वाले है, उनको मेरा नमस्कार |
प्राज्ञ | ॐ प्राज्ञाय नमः (om praagyaay namah) | जो महान विद्वान है, उनको मेरा नमस्कार |
प्रतापवान | ॐ प्रतापवते नमः (om prataapvate namah) | जो अपने पराक्रम से प्रसिद्ध है, उनको मेरा नमस्कार |
महाकाय | ॐ महाकायाय नमः (om mahaakaayay namah) | जिनका शरीर विशाल है, महा का अर्थ है विशाल, काय का अर्थ है शरीर, उनको मेरा नमस्कार |
परिजातद्रुमूलस्थ | ॐ परिजातद्रुमूलस्थाय नमः (om parijaatdrumulasthaay namah) | जो पारिजात वृक्ष के नीचे विराजते है, उनको मेरा नमस्कार |
कपिसेनानायक | ॐ कपिसेनानायकाय नमः (om kapisenaanayakaay namah) | जो वानर सेना के नायक है, सेनापति है, उनको मेरा नमस्कार |
सर्वविद्या-सम्पत्प्रदायक | ॐ सर्वविद्यात्प्रदायकाय नमः (om sarva vidya sampatpradaayakaay namah) | जो ज्ञान और समृद्धि/संपत्ति प्रदान करने वाले है, उनको मेरा नमस्कार |
सर्वमंत्रस्वरूपवान | ॐ सर्वमंत्र-स्वरूपवते नमः (om sarvswaroopvate namah) | जो समस्त मंत्रो का स्वरुप है, जो सभी मंत्र विद्या में निपुण है, उनको मेरा नमस्कार |
सर्वतंत्रस्वरूपी | ॐ सर्वतंत्रस्वरूपिणे नमः (om sarvtantrswaroopine namah) | जो सभी तंत्रों का स्वरुप है, जो सभी तंत्र विद्या में निपुण है, उनको मेरा नमस्कार |
सर्वयंत्रात्मक | ॐ सर्व यंत्रात्म्काय नमः (om sarvyantraatmkaay namah) | जो सभी यन्त्र विद्या में निपुण है, उनको मेरा नमस्कार |
राम्सुग्रीव्संधाता | ॐ राम्सुग्रीव्संधात्रे नमः (om ram sugreev sandhaatre namah) | जिन्होंने राम और सुग्रीव की मित्रता करवाई, उनको मेरा नमस्कार |
अहिरावणमर्दन | ॐ अहिरावणमर्दनाय नमः (om ahiraavanmardnaay namah) | जो अहिरावण का वद्ध करने वाले है, उनको मेरा नमस्कार |
स्फटिकाभ | ॐ स्फटिकाभाय नमः (om sphatikaabhaay namah) | जो स्फटिक पत्थर या रत्न की आभा रखते है, उनको मेरा नमस्कार |
वागधीश/वागीश | ॐ वागधीशाय/वागीश नमः (om vaagdeeshay/vaageesh namah) | जो वाणी के स्वामी है, उनको मेरा नमस्कार |
नव्याकृतिपण्डित | ॐ नव्याकृतिपण्डिताय नमः (om navyakratipanditaay namah) | जो व्याकरण में आत्यन्त कुशल एवं निपुण है, उनको मेरा नमस्कार |
चतुर्बाहू | ॐ चतुर्बाहू नमः (om chaturbahu namah) | जिनके चार भुजाएं है, उनको मेरा नमस्कार |
दीनबंधु | ॐ दीनबन्धवे नमः (om deenbandhve namah) | जो दीन-बंधुओ के मित्र है, जो असहाय लोगो के मित्र है, उनको मेरा नमस्कार |
महात्मा | महात्मा | हनुमान जी के 108 नाम सिर्फ किसी शास्त्र या किताब की पर्ची नहीं बल्कि यह नाम हर उस इंसान की आवाज़ है जो कभी टूटा है, थका है, डरा है या अकेला महसूस करता है। |
भक्तवत्सल | ॐ भक्तवत्सलाय नमः (om bhaktavatsalaay namah) | जो अपने भक्तों के प्रति स्नेही/भक्तो से प्रेम करते है, उनको मेरा नमस्कार |
शुची | ॐ शुचये नमः (om shuchye namah) | जो परम पवित्र है, जो अंतर्मन से भी शुद्ध है, उनको मेरा नमस्कार |
वाग्मी | ॐ वाग्मिने नमः (om vaghmine namah) | जो कुशल वक्ता, उपदेशक एवं कहानीकार है, उनको मेरा नमस्कार |
द्रढ़व्रत | ॐ द्रढ़व्रताय नमः (om dranvrataay namah) | जिनकी अडिगता अटूट द्रढ़ संकल्प की शक्ति को दर्शाती है, उनको मेरा नमस्कार |
हरिमर्कटमर्कट | ॐ हरिमर्कटमरकटाय नमः (om hari markat marktaaye namah) | जो वानर स्वरुप में श्री हरी के प्रिय है, उनको मेरा नमस्कार |
दान्त | ॐ दानताय नमः (om daantaay namah) | जो संयम रखने वाले है, उनको मेरा नमस्कार |
प्रसन्नात्मा | ॐ प्रसन्नात्मने नमः (om prasannatmane namah) | जिनका मन सदैव प्रसन्न रहता है, आनंदित रहता है, उनको मेरा नमस्कार |
शांत | ॐ शान्ताय नमः (om shaantaay namah) | जो शांत स्वभाव वाले है, उनको मेरा नमस्कार |
शत्कंठम्दाप्र्ह्त | ॐ शत्कंठम्दाप्र्ह्ते नमः (om shatkanthmdapraht namah) | जो अहंकारी का अहंकार दूर करते है, उनको मेरा नमस्कार |
योगी | ॐ योगिने नमः (om yogine namah) | जो महान योगी है, उनको मेरा नमस्कार |
रामकथालोल | ॐ रामकथालोलाय नमः (om ramkathalolaay namah) | जो रामकथा सुनने को उत्सुक रहते है, उनको मेरा नमस्कार |
वज्रदंष्ट्र | ॐ वज्रदंष्ट्राय नमः (om vajradanshtraay namah) | जिनके दांत वज्र के समान कठोर हैं, उनको मेरा नमस्कार |
वज्रनख | ॐ वज्रनखाय नमः (om vajranakh namah) | जिनके नाखून वज्र के समान कठोर हैं, उनको मेरा नमस्कार |
रुद्रवीर्यसमुद्रव | ॐ रुद्रवीर्यसमुद्रव नमः (om rudraveerysamudrav namah) | जो भगवान शिव के तेज से उत्पन्न हैं, जो शिवजी के 11वें रुद्रावतार हैं, उनको मेरा नमस्कार |
इंद्रजित प्रहिता मोघ ब्रह्मास्त्र विनिवारक | इंद्रजित प्रहिता मोघ ब्रह्मास्त्र विनिवारकाय नमः (om indrajit prahita mogh brahmastra vinivarak namah) | जिन्होंने इन्द्रजीत के ब्रह्मास्त्र को रोकने की क्रिया की थी, उनको मेरा नमस्कार |
पार्थ-ध्वजाग्रसंवासी | ॐ पार्थ-ध्वजाग्रसंवासिने नमः (om parth-dhwajagransanwasi namah) | जो महाभारत में अर्जुन के रथ में स्थित हैं, उनको मेरा नमस्कार |
शर्पणजरभेदक | ॐ शर्पणजरभेदकाय नमः (om sharpanjarbhedkaay namah) | जो बाणों की बाण को भेद सकते हैं, उनको मेरा नमस्कार |
दश्बाहु | ॐ दशबाहवे नमः (om dashbahve namah) | जिनके दस भुजाएं हैं, उनको मेरा नमस्कार |
लोकपूज्य | ॐ लोकपूज्याय नमः (om lokpujyaaye namah) | जो सभी लोकों में पूजे जाते हैं, उनको मेरा नमस्कार |
जाम्बवतप्रीतिवर्धन | ॐ जाम्बवत्प्रीतिवर्धन नमः (om jaambvatpreetivardhanaaye namah) | जो जाम्बवंत जी के प्रिय हैं, उनको मेरा नमस्कार |
सीता समेत श्रीराम पद सेवा धुरंधर | ॐ सीता समेत श्री राम पद सेवा धुरंधराय नमः (om seeta samet shreeram padsevadhurandhraay namah) | जो सीता सहित श्री राम जी के चरणों की सेवा में निपुण हैं, उनको मेरा नमस्कार |
सिंघिकाप्राणभणजन | ॐ सिन्घिकप्राणभंजन नमः (om simikapranbhanjanaya namah) | जो सिंघिका राक्षसी का वध करने वाले हैं, उनको मेरा नमस्कार |
लंकिनिभंजन | ॐ लंकिनिभंजनाय नमः (om lankinibanjhnaaye namah) | जो लंका की द्वार रक्षिका लंकिनी को परास्त करने वाले हैं, उनको मेरा नमस्कार |
कामरुपी | ॐ कामरूपिने नमः (om kaampurine namah) | जो इच्छानुसार रूप बदल सकते हैं, उनको मेरा नमस्कार |
पिन्गलाक्ष | ॐ पिन्ग्लाक्ष्याय नमः (om pinglaakshyaay namah) | जिनकी आँखें लाल-भूरी हैं, उन्हें मेरा नमस्कार |
वर्धिमानाक्पुजित | ॐ वर्धिमानाक्पुजिताय नमः (om vardhimanakpujitaaya namah) | जो समुद्र व मौनाक द्वारा पूजित हैं, उनको मेरा नमस्कार |
कवलिकृत मार्तन्डामंडल | ॐ कवलिकृत मार्तंडामंडलाय नमः (om kavilikrut martin mandalay namah) | जो सूर्य को निगलने वाले थे, उनको मेरा नमस्कार |
महाकाय | ॐ महाकाय नमः (om mahakaay namah) | जो विशालकाय हैं, उनको मेरा नमस्कार |
तेजस्वी | ॐ महाद्युताये नमः (om mahadyutaaye namah) | जो अत्यंत तेजस्वी हैं, उनको मेरा नमस्कार |
सिन्घनाद्स्वनप्रदाय | ॐ सिन्घ्नादास्वन्प्रदाय नमः (om singhanadswapradaya namah) | जिनकी गर्जना शेर के समान है, उनको मेरा नमस्कार |
सुरार्चित | ॐ सुरार्चिताय नमः (om surarchitaay namah) | जो देवताओं द्वारा पूजित हैं, उनको मेरा नमस्कार |
दैत्यकुलान्तक | ॐ दैत्यकुलान्तकाय नमः (om daityakulaantkaay namah) | जो राक्षसों का नाश करते हैं, उनको मेरा नमस्कार |
दैत्याकार्यविद्यात्क | दैत्याकार्यविद्यात्काय नमः (om daityakaryavidyatak namah) | जो दैत्यों की योजनाओं को विफल करते हैं, उनको मेरा नमस्कार |
श्रीमान | ॐ श्रीमते नमः (om shreemate namah) | जो सम्माननीय एवं पूजनीय हैं, उनको मेरा नमस्कार |
राम्कथाप्रिय | ॐ राम्कथ्प्रियाय नमः (om ramkathapriyaay namah) | जो रामकथा सुनने को हमेशा उत्सुक रहते हैं, उनको मेरा नमस्कार |
श्रीरामभक्तिरसिक | ॐ श्रीरामभक्तिरसिक नमः (om rambhaktirasik namah) | जो श्री राम की भक्ति में लीन हैं, उनको मेरा नमस्कार |
योगनिष्ठ | ॐ योगनिष्ठाय नमः (om yognishthaay namah) | जो योग साधना में लीन हैं, उनको मेरा नमस्कार |
बुद्धिमान | ॐ बुधिमानाय नमः (om buddhimaanay namah) | जो अत्यंत बुद्धिमान हैं, उनको मेरा नमस्कार |
वीरहनुमान | ॐ वीरहनुमते नमः (om veer hanumate namah) | जो पराक्रमी वीर हैं, उनको मेरा नमस्कार |
रामसखा | ॐ राम्सखाय नमः (om raamsakhaay namah) | जो श्री राम के सखा हैं, उनको मेरा नमस्कार |
भक्तवत्सल | ॐ भक्तवत्सलाय नमः (om bhaktvatsalaay namah) | जो अपने भक्तों पर अत्यंत कृपा करते हैं, उनको मेरा नमस्कार |
श्री हनुमते | ॐ हनु हनुमतये नमः (om hanu hanumatye namah) | जो सम्पूर्ण शक्ति, भक्ति और सेवा के प्रतीक हैं, उनको मेरा नमस्कार |
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हनुमान जी के 108 नाम जाप करने का सही समय और दिन
कब करें जाप?
शुभ समय:
- ब्राह्ममुहूर्त (सुबह 4-6 बजे) – यह सबसे श्रेष्ठ माना गया है।
- शाम के समय (हनुमान मंदिर में दीया जलाकर) भी जाप शुभ होता है।
शुभ दिन:
- मंगलवार और शनिवार हनुमान जी के लिए समर्पित होते हैं।
- हनुमान जयंती, अमावस्या, और पूर्णिमा पर विशेष प्रभावकारी होता है।
जाप विधि (Vidhi):
- स्नान कर लाल वस्त्र धारण करें।
- हनुमान जी की मूर्ति/चित्र के सामने बैठें।
- लाल चंदन, सिंदूर और फूल चढ़ाएं।
- 108 बार नामों का उच्चारण करें।
- अंत में हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ करें।
हनुमान जी के 108 नाम जाप के लाभ
- भूत-प्रेत बाधा और नकारात्मक ऊर्जा से रक्षा
- मानसिक और शारीरिक बल की प्राप्ति
- दुर्घटना, संकट, और भय से सुरक्षा
- ध्यान और साधना में स्थिरता
- कार्यों में सफलता और इच्छाओं की पूर्ति
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निष्कर्ष (Conclusion)
हनुमान जी के 108 नाम केवल एक नाम सूची नहीं है, यह एक आध्यात्मिक साधना, संकटमोचन रक्षा कवच, और ईश्वर भक्ति का स्रोत है।
इन नामों का जाप करने से न केवल मानसिक शांति मिलती है, बल्कि जीवन के हर संकट से लड़ने की शक्ति भी मिलती है।
अगर आप अपने जीवन में बाधाओं से परेशान हैं, तो नियमित रूप से हनुमान जी के 108 नामों का जाप अवश्य करें।
FAQs – हनुमान जी के 108 नाम से जुड़े सबसे ज़्यादा पूछे जाने वाले सवाल
1. हनुमान जी के 108 नामों का जाप क्यों किया जाता है?
उत्तर: हनुमान जी के 108 नामों का जाप करने से मानसिक शक्ति, आत्मबल, संकटों से मुक्ति और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त होती है। 108 संख्या धार्मिक दृष्टि से पूर्णता का प्रतीक है और हर नाम में एक विशेष शक्ति और भाव समाहित होता है।
2. हनुमान जी के 108 नामों का जाप किस दिन और समय करना शुभ होता है?
उत्तर: हनुमान जी के 108 नामों का जाप मंगलवार और शनिवार को ब्राह्ममुहूर्त (सुबह 4-6 बजे) या शाम के समय दीप जलाकर करना शुभ माना जाता है। यह समय शक्ति और ऊर्जा प्राप्ति के लिए सर्वोत्तम है।
3. क्या घर पर हनुमान जी के 108 नामों का जाप किया जा सकता है?
उत्तर: हाँ, आप शुद्धता और नियमों का पालन करते हुए घर पर ही हनुमान जी के 108 नामों का जाप कर सकते हैं। एक शांत स्थान पर बैठकर ध्यानपूर्वक नामों का उच्चारण करें।
4. हनुमान जी के 108 नाम कौन-कौन से हैं और क्या उनका अर्थ भी है?
उत्तर: हनुमान जी के 108 नाम जैसे – हनुमते, वायुपुत्राय, रामदूताय, अंजनीसुताय – सभी नामों का एक विशिष्ट अर्थ और ऊर्जा होती है। प्रत्येक नाम उनके गुणों और कार्यों को दर्शाता है। यहाँ क्लिक कर नाम और अर्थ पढ़ें
5. हनुमान जी के 108 नामों का जाप करने से क्या लाभ होता है?
उत्तर: इस जाप से व्यक्ति को भय, बाधा, मानसिक तनाव, शारीरिक दुर्बलता, और बुरी नजर से मुक्ति मिलती है। साथ ही यह जाप आत्मविश्वास, साहस और समर्पण की भावना बढ़ाता है।
6. क्या महिलाओं को भी हनुमान जी के 108 नामों का जाप करना चाहिए?
उत्तर: हाँ, महिलाएं भी श्रद्धा और नियम से हनुमान जी के 108 नामों का जाप कर सकती हैं। केवल मासिक धर्म के समय जाप से बचना चाहिए।
7. क्या हनुमान जी के 108 नामों का जाप किसी विशेष माला से करना जरूरी है?
उत्तर: यदि आप जप माला का उपयोग करना चाहते हैं, तो रुद्राक्ष माला या तुलसी की माला का प्रयोग किया जा सकता है। हालांकि, केवल मन से जाप भी उतना ही फलदायी होता है।
8. क्या 108 नामों का जाप करने के बाद हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए?
उत्तर: हाँ, 108 नामों का जाप करने के बाद हनुमान चालीसा, सुंदरकांड या बजरंग बाण का पाठ करने से जाप का प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है और पूर्ण फल की प्राप्ति होती है।